भारत का इतिहास (History of india)
जैन धर्म
महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वे एवं अंतिम तीर्थकंर हुए |महावीर स्वामी का जन्म 540ई.पु. में कुंडाग्राम (वैशाली )में हुआ था |
इनके पिता सिद्धार्थ 'ज्ञातुक कुल'के सरदार थे और माता त्रिशला लिच्छवी राजा चेटक की बहन थी |
12 वर्षो की कठिन तपस्या के बाद महावीर को जुम्भिक में ऋजुपालिका नदी के तट पर साल व्रक्ष के निचे तपस्या करते हुए सम्पूर्ण ज्ञान का बोध हुआ |
महवीर ने अपना उपदेश प्राक्रत(अर्धगामी ) भाषा में दिया|
जैन धर्म के त्रिरत्न है -सम्यक दर्शन ,सम्यक ज्ञान ,सम्यक आचरण |
महावीर स्वामी की म्रत्यु 72 वर्ष की आयु में 527ई,पु,हुई थी |
तीर्थकंर व उनके प्रतीक
ऋषभदेव - सांड
अजित - हाथी
सम्भव - घोडा
नेमि - शंख
पार्श्वनाथ - सर्प
महावीर - सिंह
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