भारत का इतिहास (HISTORY OF INDIA) 3
भारत का इतिहास (HISTORY OF INDIA)
पाषाण काल
- पाषाण काल को तीन भागों में बांटा गया है -पुरापाषाण काल ,मध्य्पाषाण काल ,तथा नवपाषाण काल |
- पुरापाषाण काल में मनुष्य की जीविका का मुख्य आधार शिकार था |इस काल को आखेटक तथा खाद्य -संग्राहक जाल भी कहा जाता है |
- लगभग 36,000ई.पु. में आधुनिक मानव पहली बार अस्तित्व में आया |आधुनिक मानव को 'होमो सेपियनस ' भी कहा जाता है |
- मानव द्वारा प्रथम पालतू पशु कुता था ,जिसे मध्य पाषाण काल में पालतू बनाया गया |
- आग की जानकारी मानव को पूरा पाषाण काल से ही थी ,किन्तु इसका प्रयोग नवपाषण काल से प्रारंभ हुआ |
- नव पाषण काल से मानव ने क्रषि कार्य प्रारंभ किया ,जिससे उसमे स्थायी निवास की प्रव्रती विकसित हुई |
- भारत में पाषाण कालीन सभ्यता का अनुसंधान सर्वप्रथम रॉबर्ट बुर्स फुट ने 1863ई.में प्रारंभ किया |
- भारत में व्य्यस्थित क्रषि का पहला साक्ष्य मेहरगढ़ से प्राप्त हुआ है |
- बिहार के चिरांद नामक नवपाषाण कालीन स्थल से हड्डी के औजार मिले है |
- पाषण काल के तीनो चरणों का साक्ष्य बेलन घाटी इलाहाबाद से प्राप्त हुए है |
- औजारो में प्रयुक्त की जाने वाली पहली धातु तांबा थी तथा इस धातु का ज्ञान मनुष्य को सर्वप्रथम हुआ था |
- चावल की खेती का प्राचीनतम साक्ष्य कोलडी हवा (इलाहाबाद )से पाया गया है |
- पहिए का आविष्कार नवपाषाण में हुआ |
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