गुरुवार, 26 मई 2016

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RAS 2016 – राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा


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मंगलवार, 17 मई 2016

विज्ञान का ज्ञान (GYAN KA VIGYAN)


विज्ञान का ज्ञान (GYAN KA VIGYAN)

  1. तम्बाकू की पत्तियों में निकोटिन नामक पदार्थ पाया जाता है।
  2. अनुवांशिकी के पिता ग्रेगर जॅान मेंडल को कहा जाता है।
  3. हरगोविंद खुराना को नोबेल पुरस्कार जीन DNA से संबंधित खोज के लिए मिला था।
  4. माइटोकांड्रिया ( Mitochondria ) को कोशिका का पावर हाउस कहते हैं।
  5. राइबोसोम ( Ribosome ) को प्रोटीन की फैक्ट्री कहा जाता है।
  6. मानव शरीर में गुणसूत्रो की संख्या 46 ( 23 जोड़ा ) होती है।
  7. चेचक का टीका की खोज एडवर्ड जैनर ने की थी।
  8. स्वस्थ मनुष्य के शरीर के रक्त का पी. एच. मान 7.4 होता है।विज्ञान के लिए चित्र परिणाम
  9. लाल रक्त कणिकांए RBC का निर्माण अस्थिमज्जा में होता है।
  10. हल्दी तथा आलू तना का भूमिगत रूपांतरण है
  11. कोशिका की खोज अंग्रेज वैज्ञानिक राबर्ट हुक ने की थी।
  12. नवजात बच्चों के शरीर में 300 हड्डियां होती है।
  13. मानव शरीर की सबसे लंबी हड्डी को 'फीमर' कहते है ( जांघ की हड्डी )।
  14. मनुष्य के शरीर की सबसे छोटी हड्डी 'स्टेप्स' है जो कान में होती है।
  15. मनुष्य की छाती में दोनों तरफ 12 -12 पसलियां होती है।
  16. RBC लाल रक्त कण की कब्रगाह यकृत और प्लीहा को कहा जाता है।
  17. रक्त का थक्का बनाने में विटामिन के k सहायक होता है।
  18. रक्त समूह ( Blood Group ) एवं आर एच तत्व ( RH Factor ) की खोज कार्ल लैंडस्टीनर ने की थी।
  19. AB रक्त समूह में एण्टीबॅाडी नहीं पाई जाती है, इसलिए यह सर्वग्रहता कहलाता है
  20. O रक्त समूह में एणटीजन नहीं होता है यह सर्वदाता कहलाता है।
  21. मनुष्य के हृदय का भार लगभग 300 ग्राम होता है।
  22. स्वस्थ मनुष्य का हृदय एक मिनट में 72 बार धड़कता है।
  23. स्वस्थ मनुष्य रक्त दाब 120/80 mmhg ( Systolic / diastolic ) होता है।
  24. यूरोक्रोम की उपस्थिति के कारण मूत्र का रंग हल्का पीला होता हैं।
  25. एलीसा प्रणाली ( ELISA Test ) से एड्स बीमारी के HIV वायरस का पता लगाया जाता है।
  26. टिटनेस से शरीर का तंत्रिका तंत्र प्रवाहित होता है।
  27. स्वस्थ मनुष्य के शरीर में रक्त का औसत  5 - 6 लीटर होता है।
  28. मनुष्य के रक्त का शुद्धिकरण किडनी में होता है।
  29. मानव शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि पिट्यूटरी मस्तिष्क में होती है।
  30. मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत होती है।
  31. इन्सुलिन की खोज बैटिंग एवं वेस्ट ने की थी।
  32. वस्तु का प्रतिबिंब आँखों के रेटिना में बनता है।
  33. नेत्रदान में आँख के कार्निया को दान किया जाता है।
  34. सोयाबीन में सर्वाधिक प्रोटीन ( 42% ) पाया जाता है।
  35. जल में घुलनशील विटामिन B एवं C है।
  36. विटामिन सी C खट्टे फलों में पाया जाता है।
  37. विटामिन सी की रासायनिक नाम 'स्कर्वीक एसिड' है।
  38. जीव विज्ञान के जनक अरस्तू को कहा जाता है।
  39. जीव विज्ञान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग लैमार्क एवं ट्रेविरेनस ने किया था।
  40. वनस्पति विज्ञान के जनक थियोफ्रस्ट्स को कहा जाता है।
  41. आधुनिक वर्गीकी ( Modern taxonomy ) के  पिता लीनियस को कहा जाता है।
  42. एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीका की खोज की थी।
  43. आम का वनस्पतिक नाम मेनजीफेरा इंडिका है।
  44. कार्बन डाई आक्साइड गैस ग्रीन हाउस प्रभाव में सबसे ज्यादा योगदान करती है।
  45. त्वचा का कैंसर सूर्य की पराबैंगनी किरणों से होता है।
  46. रेबीज के टीके की खोज एलेक्जैंडर फलेमिंग ने की थी।
  47. विद्युत बल्ब के अंदर आर्गन गैस भरी होती है।
  48. नाइट्रस आक्साइड को हंसाने वाली गैस कहा जाता है। इसकी खोज प्रीस्टले ने की थी।
  49. सर्वप्रथम 'आर्वत सारणी ' का निर्माण रशियन वैज्ञानिक मेंडलीफ ने किया था।
  50. आधुनिक आर्वत सारणी के नियम मोसले द्वारा प्रतिपादित किया गया है।
  51. विद्युत धारा को ऐम्पियर में मापा जाता है।
  52. डायनेमो उपकरण द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है।
  53. मोमबत्ती रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में रूपांतरित करती है।
  54. प्रकाश वर्ष दूरी मापने की इकाई है। दूरी मापने की सबसे बड़ी इकाई पारसेक है।
  55. साधारण नमक ( सोडियम क्लोराइड NaCL ) खाने एवं आचार के परिरक्षण में उपयोग होता है।
  56. हीरा एवं ग्रेफाइट कार्बन के अपरूप है।
  57. हीरा विद्युत का कुचालक होता है तथा ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है।
  58. एल. पी. जी. में ब्यूटेन एवं प्रोपेन का मिश्रण होता है।
  59. एल. पी. जी. की तेज गंध उसमें मिले सल्फर के यौगिक ( मिथाइल मरकॅाप्टेन ) से होती है।
  60. चाँदी एवं तांबा विद्युत की सर्वश्रेष्ठ सुचालक है।
  61. टाइटेनियम को रणनीतिक धातु कहा जाता है।
  62. सिल्वर आयोडाइड कृत्रिम वर्षा के लिए प्रयोग किया जाता है।
  63. मतदाताओं की अंगुलियों में निशान के लिए सिल्वर नाइट्रेट लगाया जाता है।
  64. तड़ित चालक का आविष्कार बेंजामिन फैकलिन ने किया था।
  65. शुष्क बर्फ़ ठोस कार्बन डाइआक्साइड होता है।
  66. प्लेटेनियम को सफेद स्वर्ण कहा जाता है।
  67. क्लोरीन गैस फूलों का रंग उड़ा देती है।

चूहा (MOUSE)


चूहा (MOUSE)

चूहा के लिए चित्र परिणाम

चाहता तो लेख का शीर्षक ''मैं और चूहा'' रख सकता था। पर मेरा अहंकार इस चूहे ने नीचे कर दिया। जो मैं नहीं कर सकता, वह मेरे घर का यह चूहा कर लेता है। जो इस देश का सामान्‍य आदमी नहीं कर पाता, वह इस चूहे ने मेरे साथ करके बता दिया।

इस घर में एक मोटा चूहा है। जब छोटे भाई की पत्‍नी थी, तब घर में खाना बनता था। इस बीच पारिवारिक दुर्घटनाओं-बहनोई की मृत्‍यु आदि के कारण हम लोग बाहर रहे।

इस चूहे ने अपना अधिकार मान लिया था कि मुझे खाने को इसी घर में मिलेगा। ऐसा अधिकार आदमी भी अभी तक नहीं मान पाया। चूहे ने मान लिया है।

लगभग पैंतालिस दिन घर बन्‍द रहा। मैं तब अकेला लौटा। घर खोला, तो देखा कि चूहे ने काफी क्रॉकरी फर्श पर गिराकर फोड़ डाली है। वह खाने की तलाश में भड़भड़ाता होगा। क्रॉकरी और डिब्‍बों में खाना तलाशता होगा। उसे खाना नहीं मिलता होगा, तो वह पड़ोस में कहीं कुछ खा लेता होगा और जीवित रहता होगा। पर घर उसने नहीं छोड़ा। उसने इसी घर को अपना घर मान लिया था।

जब मैं घर में घुसा, बिजली जलाई तो मैंने देखा कि वह खुशी से चहकता हुआ यहाँ से वहाँ दौड़ रहा है। वह शायद समझ गया कि अब इस घर में खाना बनेगा, डिब्‍बे खुलेंगे और उसकी खुराक उसे मिलेगी।

दिन-भर वह आनन्‍द से सारे घर में घूमता रहा। मैं देख रहा था। उसके उल्‍लास से मुझे अच्‍छा ही लगा।

पर घर में खाना बनना शुरू नहीं हुआ। मैं अकेला था। बहन के यहाँ जो पास में ही रहती है, दोपहर को भोजन कर लेता। रात को देर से खाता हूँ, तो बहन डब्‍बा भेज देती। खाकर मैं डब्‍बा बन्‍द करके रख देता। चूहाराम निराश हो रहे थे। सोचते होंगे यह कैसा घर है। आदमी आ गया है। रोशनी भी है। पर खाना नहीं बनता। खाना बनता तो कुछ बिखरे दाने या रोटी के टुकड़े उसे मिल जाते।

मुझे एक नया अनुभव हुआ। रात को चूहा बार-बार आता और सिर की तरफ मच्‍छरदानी पर चढ़कर कुलबुलाता। रात में कई बार मेरी नींद टूटती मैं उसे भगाता। पर थोड़ी देर बाद वह फिर आ जाता और सिर के पास हलचल करने लगता।

वह भूखा था। मगर उसे सिर और पाँव की समझ कैसे आई? वह मेरे पाँवों की तरफ गड़बड़ नहीं करता था। सीधे सिर की तरफ आता और हलचल करने लगता। एक दिन वह मच्‍छरदानी में घुस गया।

मैं बड़ा परेशान। क्‍या करूँ? इसे मारूँ और यह किसी अलमारी के नीचे मर गया, तो सड़ेगा और सारा घर दुर्गन्‍ध से भर जाएगा। फिर भारी अलमारी हटाकर इसे निकालना पड़ेगा।

चूहा दिन-भर भड़भड़ाता और रात को मुझे तंग करता। मुझे नींद आती, मगर चूहाराम मेरे सिर के पास भड़भड़ाने लगते।

आखिर एक दिन मुझे समझ में आया कि चूहे को खाना चाहिए। उसने इस घर को अपना घर मान लिया है। वह अपने अधिकारों के प्रति सचेत है। वह रात को मेरे सिरहाने आकर शायद यह कहता है - ''क्‍यों, बे, तू आ गया है। भर-पेट खा रहा है, मगर मैं भूखा मर रहा हूँ मैं इस घर का सदस्‍य हूँ। मेरा भी हक है। मैं तेरी नींद हराम कर दूँगा। तब मैंने उसकी माँग पूरी करने की तरकीब‍ निकाली।''

रात को मैंने भोजन का डब्‍बा खोला, तो पापड़ के कुछ टुकड़े यहाँ-वहाँ डाल दिए। चूहा कहीं से निकला और एक टुकड़ा उठाकर अलमारी के नीचे बैठकर खाने लगा। भोजन पूरा करने के बाद मैंने रोटी के कुछ टुकड़े फर्श पर बिखरा दिए। सुबह देखा कि वह सब खा गया है।

एक‍ दिन बहन ने चावल के पापड़ भेजे। मैंने तीन-चार टुकड़े फर्श पर डाल दिए। चूहा आया, सूँघा और लौट गया। उसे चावल के पापड़ पसन्‍द नहीं। मैं चूहे की पसन्‍द से चमत्‍कृत रह गया। मैंने रोटी के कुछ टुकड़े डाल दिए। वह एक के बाद एक टुकड़ा लेकर जाने लगा।

अब यह रोजमर्रा का काम हो गया। मैं डब्‍बा खोला, तो चूहा निकलकर देखने लगता। मैं एक-दो टुकड़े डाल देता। वह उठाकर ले जाता। पर इतने से उसकी भूख शान्‍त नहीं होती थी। मैं भोजन करके रोटी के टुकड़े फर्श पर डाल देता। वह रात को उन्‍हें खा लेता और सो जाता।

इधर मैं भी चैन की नींद सोता। चूहा मेरे सिर के पास गड़बड़ नहीं करता।

फिर वह कहीं से अपने एक भाई को ले आया। कहा होगा, ''चल रे, मेरे साथ उस घर में। मैंने उस रोटीवाले को तंग करके, डरा के, खाना निकलवा लिया है। चल दोनों खाएँगे। उसका बाप हमें खाने को देगा। वरना हम उसकी नींद हराम कर देंगे। हमारा हक है।''

अब दोनों चूहाराम मजें में खा रहे हैं।

मगर मैं सोचता हूँ - आदमी क्‍या चूहे से भी बद्तर हो गया है? चूहा तो अपनी रोटी के हक के लिए मेरे सिर पर चढ़ जाता है, मेरी नींद हराम कर देता है।

इस देश का आदमी कब चूहे की तरह आचरण करेगा?

रविवार, 15 मई 2016

सरकारी नौकरी करे जल्द आवेदन (JOB SARKARI IN RAJASTHAN)

सरकारी नौकरी करे जल्द आवेदन (JOB SARKARI IN RAJASTHAN)

राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा राजस्थान राज्य व अधीनस्थ सेवाएँ सयुक्त प्रतियोगी परीक्षा ,२०१६ के लिए कार्मिक विभाग द्वारा सूचित पदों हेतु आवेदन आमंत्रित किए गई अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर जाये अधिक जानकारी के लिए 

रविवार, 8 मई 2016

माँ की ममता 


...बेटा! कहीं चोट तो नहीं लगी देश के सुदूर पश्चिम में स्थित अर्बुदांचल की एक जीवंत संस्कृति है, जहां विपुल मात्रा में कथा, बोध कथाएं, कहानियां, गीत, संगीत लोक में प्रचलित है। मां की ममता पर यहां लोक में एक कहानी प्रचलित है, जो अविरल प्रस्तुत किया जाता रहा है। कहते हैं एक बार एक युवक को एक लड़की पर दिल आ गया। प्रेम में वह ऐसा खोया कि वह सबकुछ भुला बैठा। लड़के के शादी का प्रस्ताव रखने पर लड़की ने जवाब दिया कि वह उससे विवाह करने को तैयार तो है, लेकिन वह अपनी सास के रूप में किसी को देखना नहीं चाहती। अत: वह अपनी मां का कत्ल कर उसका कलेजा निकाल लाए, तो वह उससे शादी करेगी। युवक पहले काफ़ी दुविधा में रहा, लेकिन फिर अपनी माशूका के लिए मां का कत्ल कर उसका कलेजा निकाल तेजी से प्रेमिका की ओर बढ़ा। तेजी में जाने की हड़बड़ी में उसे ठोकर लगी और वह गिर पड़ा। इस पर मां का कलेजा गिर पड़ा और कलेजे से आवाज़ आई, बेटा, कहीं चोट तो नहीं लगी...आ बेटा, पट्टी बांध दूं...।मां में छिपी है सृष्टि मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है। मां के शब्द में वह आत्मीयता एवं मिठास छिपी हुई होती है, जो अन्य किसी शब्दों में नहीं होती। इसका अनुभव भी एक मां ही कर सकती है। मां अपने आप में पूर्ण संस्कारवान, मनुष्यत्व व सरलता के गुणों का सागर है। मां जन्मदाता ही नहीं, बल्कि पालन-पोषण करने वाली भी है।मां है ममता का सागर मां तो ममता की सागर होती है। जब वह बच्चे को जन्म देकर बड़ा करती है तो उसे इस बात की खुशी होती है, उसके लाड़ले पुत्र-पुत्री से अब सुख मिल जाएगा। लेकिन मां की इस ममता को नहीं समझने वाले कुछ बच्चे यह भूल बैठते हैं कि इनके पालन-पोषण के दौरान इस मां ने कितनी कठिनाइयां झेली होगी।